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सबसे घातक और जानलेवा बीमारी / गुँजन श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
ग़रीबों की लाशों से गुज़रता हूँ
उनके परिजनों से बात कर
उनके अतीत की करता हूँ पड़ताल
उनके कार्यस्थल पर जाकर पूछता हूँ
उनकी ख़ामियाँ और ख़ासियतें
पढ़ता हूँ अस्पतालों में जाकर
उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट !
हर बार मैं पाता हूँ
‘ईमानदारी और शराफ़त को
इक्कीसवीं सदी की सबसे
घातक और जानलेवा बीमारी’