सब भाँति दैव प्रतिकूल होय यहि नासा।
अब तजहु बीरवर भारत की सब आसा।।
अब सुख सूरज को उदय नहीं इत ह्नैहै।
मंगलमय भारत भुव मसान ह्नै जै है।।
सब भाँति दैव प्रतिकूल होय यहि नासा।
अब तजहु बीरवर भारत की सब आसा।।
अब सुख सूरज को उदय नहीं इत ह्नैहै।
मंगलमय भारत भुव मसान ह्नै जै है।।