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सब लोग जमाने में आदर्श बताते हैं / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
सब लोग जमाने में आदर्श बताते हैं।
पर जब भी मिले अवसर हर बात भुलाते हैं॥
यादों के झरोखे से जब पीर झलक जाये
सब दर्द सितम वाले अफ़साने सुनाते हैं॥
उल्फत के सताये जो मत बात करो उनकी
हो दूर मोहब्बत से संतोष न पाते हैं॥
एक बार चले आयें दिल की है तमन्ना ये
क्या बात करें उनकी बस बात बनाते हैं॥
आयें कि निगाहों में है आपकी ही सूरत
जो हाल हुआ मेरा कर यत्न छुपाते हैं॥
आँसू न छलकने दे भीगी हुई पलकों से
मुस्कान अधर पर रख लोगों को लुभाते हैं॥
हैं हाथ पकड़ते जो जीवन की डगर लंबी
वे शर्त नहीं रखते बस साथ निभाते हैं॥