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सब सखि चलो जमुना तट पे / बुन्देली

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

सब सखि चलो जमुना तट पे
जहां श्याम बजा रहे बांसुरिया।
जमुना तट धेनु चराय रहें,
सिर ओढ़े कारी कामरिया। सब सखि...
जमुना तट रहस रचाये रहे,
संग नाचे राधा सांवरिया। सब सखि...
जमुना तट ग्वाल खेल रहे,
जमुना में कूदे सांवरिया। सब सखि...
जब काले नाग फुंकार दियो,
तब रंग बदल गयो सांवरिया। सब सखि...
जब श्याम ने नाग को नाथ लियो
तब प्रेम की बाजी बांसुरिया। सब सखि...