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सभ्यता-1 / मथुरा नाथ सिंह ‘रानीपुरी’
Kavita Kosh से
1.
यहेॅ सभ्यता
देहोॅ सें भेलै आय
पट लापता।
2.
केकरा नाज
जेकरा देहोॅ पर
जरा नै लाज!
3.
अजबे वेश
बुढ़वो रंगै देखोॅ
उजरोॅ केश।
4.
अजबे चाल
बुढ़ियौं रंगे छै नी
उजरोॅ बाल।
5.
भेलै बेहाल
ठोर रंगाय केॅ जे
करै कमाल।
6.
ऊ इतरावै
उघरलेॅ वदन
जे रे दिखावै।
7.
देखोॅ नी लैला
देह उघारिये केॅ
खोजै छै छैला!
8.
अजबे चाल
कटावै पार्लर में
हिप्पीये बाल।
9.
अजबे हाल
बुढ़ियौं करै छै नी
होठ रे लाल।
10.
की रंग भेलै
पूरब छोड़ी केॅ ऊ
पछियें गेलै।
11.
ऐलै जमाना
आय देखोॅ सूटोॅ में
चलै जनाना।
12.
मत रे बोल
चलन आबी गेलै
अंगिया खोल।