भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सभ पात पुरातन टूटि गेल / रूपम झा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सभ पात पुरातन टूटि गेल
निकलल कोमल सभ पात नवल

जामुन, कटहर, पीपर पलाश
कचनार आम आ अमलताश
सभ पर छायल नव-नव फागुलन
सभ झूमि-झूमि कए डोल रहल
निकलल कोमल सभ पात नवल

सौन्दर्यक नहि अछि ओर अंत
सभ रंग सहेजने अछि वसंत
गाछक कोमल सभ अंग-अंग
सुरभित वयार सै बेर छुअल
निकलल कोमल सभ पात नवल