Last modified on 4 सितम्बर 2018, at 18:07

समंदरी आँख / चंद ताज़ा गुलाब तेरे नाम / शेरजंग गर्ग

आह को पीर की झंकार कहा जाता है
राह को लक्ष्य का आधार कहा जाता है
समंदरी आँख! तू सरिता की तरह मत बहना
तुझको वैसे ही गुनहगार कहा जाता है।