आह को पीर की झंकार कहा जाता है
राह को लक्ष्य का आधार कहा जाता है
समंदरी आँख! तू सरिता की तरह मत बहना
तुझको वैसे ही गुनहगार कहा जाता है।
आह को पीर की झंकार कहा जाता है
राह को लक्ष्य का आधार कहा जाता है
समंदरी आँख! तू सरिता की तरह मत बहना
तुझको वैसे ही गुनहगार कहा जाता है।