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समझदार लड़कियाँ / स्वरांगी साने
Kavita Kosh से
समझदार लड़कियाँ
बचपन से होती हैं समझदार
वे खिलौनों के लिए नहीं मचलतीं
परांदों-चुड़ियों के लिए भी नहीं
वे कभी नहीं करती कोई जिद्द
वे पैदा होते ही हो जाती है बड़ी
उन्हें जताया जाता है बार-बार
तुम समझदार हो
और वे दिखाती रहती हैं समझदारी
कितनी बड़ी मजबूरी होती है
वे हमेशा मानती रहती हैं
दिमाग की बातें
करती रहती हैं विवेक से काम
उनके माँ-बाप कभी नहीं देखते उनके आँसू
सहेलियों को वे नहीं बतातीं मन की बात
समझदार लड़कियाँ जानी जाती हैं समझदार लड़कियों की तरह
वे कभी नहीं करतीं प्रेम
और कर लें तो दफ़ना देती हैं दिल के तहखाने में
समझदार लड़कियाँ
आजन्म भुगतती हैं समझदारी