भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

समझ / जया आनंद

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

प्रेम पाना
आसान है
इसके लिए
अहं को कूटना
पीसना है
बस थोड़ा सा
सरल होना है
और
सरल होना शायद!
कितना कठिन!
पर मेरे लिए नहीं,
कबीर को थोड़ा तो समझा है!