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समझ / शशि सहगल
Kavita Kosh से
शिमला हो या मसूरी
कैनवस पर
सभी पहाड़ एक से ही उतरते हैं
समझाते है
अंधेरे और उजाले की परिभाषा
अंधेरे की कोख से ही
पैदा होती है रोशनी
सिर्फ़ पहाड़ों पर ही नहीं