भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

समधि अपने छथि गोर / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

समधि अपने छथि गोर, हिनक बहिनी बड़ बेजोर
हिनकर घर मे पइसल चोर, अवधपुर मे
समधि करथि सेवकाइ, हिनका माय-बाप नहि भाइ
छनि आजु बहिनिक सगाइ, अवधपुर मे
हिनकर माय बकलेल, बहिनी बातक ढहलेल
दुलहा केँ देलनि नहि तेल, अवधपुर मे