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समन्दर का छोटा-सा क़तरा सही / मधुभूषण शर्मा 'मधुर'
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समन्दर का छोटा-सा क़तरा सही ,
बहुत चैन है कहता दरिया सही !
समझ आ सके जो वही बात कर ,
किसे ये ख़बर क्या ग़लत क्या सही !
ग़लत तुम नहीं हो तो मैं भी नहीं ,
चलो अपना-अपना नज़रिया सही !
किसी को भी कमज़ोर तू मत समझ ,
छलकती वो अधजल गगरिया सही !
नहीं झूठ सच में बदल पाएगा ,
कहे चाहे सारी नगरिया सही !