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समय कष्ट में यदि गुजारा न होता / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
समय कष्ट में यदि गुजारा न होता।
मिला साँवरे का सहारा न होता॥
भँवर में ही कश्ती हमारी भटकती
कन्हैया ने गरचे उबारा न होता॥
सुनी नीति की बात होती जो तुमने
कभी सत्य का पथ नकारा न होता॥
सुनाता न रणभूमि में श्याम गीता
सुयोधन कभी युद्ध हारा न होता॥
न बहते नयन गोपियों के जो इतने
कभी आब सागर का खारा न होता॥