समय को पी रहा हूँ मैं
पानी की तरह
मुझको पी रहा है समय
गंध की तरह
न चुका समय
न चुका मैं
हम जी रहे
दोनों
एक दूसरे के लिए।
रचनाकाल: २४-०८-१९६७
समय को पी रहा हूँ मैं
पानी की तरह
मुझको पी रहा है समय
गंध की तरह
न चुका समय
न चुका मैं
हम जी रहे
दोनों
एक दूसरे के लिए।
रचनाकाल: २४-०८-१९६७