Last modified on 21 जनवरी 2023, at 23:49

समय बहुमूल्य है इसको नहीं नाहक़ गँवाना है / बाबा बैद्यनाथ झा

समय बहुमूल्य है इसको नहीं नाहक़ गँवाना है
हमारा लक्ष्य हो पूरा, ज़माने को दिखाना है
 
शुरू हो काम कोई भी विचारें खूब पहले ही
बढ़े हैं जो क़दम आगे नहीं पीछे हटाना है

रहेंगे राह में पत्थर मिलेंगी ठोकरें हरदम
मिलेंगे ज़ख़्म भी अक़्सर हमें तो मुस्कुराना है

डराने लोग आएँगे कभी उनसे नहीं डरना
दिखे जब विघ्न घबराकर नहीं साहस घटाना है

करेंगे काम जब अच्छे बनेंगे लोग दीवाने
हमें आदर्श भी खुद को समझ लें अब बनाना है

ग़ज़ल के भाव हों अच्छे बहर में संतुलित हो तो
कहें जब मंच पर 'बाबा' सभी को फिर झुमाना है