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समलैंगिकता / मनोज भावुक

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इ आज के डिमांड बा रउरा ना बुझाई
नर नर संगे, मादा-मादा संगे जाई

हाई कोर्ट देले बाटे अइसन एगो फैसला
गे लो के मन बढल लेस्बियन के हौसला
भइया संगे मूंछ वाली भउजी घरे आई
इ आज के डिमांड बा रउरा ना बुझाई

खतम भइल धारा अब तीन सौ सतहत्तर
घूमतारे छूटा अब समलैंगिक सभत्तर
रीना अब बनि जइहें लीना के लुगाई
इ आज के डिमांड बा रउरा ना बुझाई

पछिमे से मिलल बाटे अइसन इंसपिरेशन
अच्छे भइल बढी ना अब ओतना पोपुलेशन
बोअत रहीं बिया बाकि फूल ना फुलाई
इ आज के डिमांड बा रउरा ना बुझाई