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समानता / नरेश अग्रवाल
Kavita Kosh से
सूरज ने सभी को
समान प्रकाश दिया
हवा ने भी एक समान
पोषण किया लोगों का
बीजों ने नहीं देखा कभी
किन हाथों द्वारा लगाये गये थे वे
और हमेशा जमीन पर
उभरकर आये ।