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समुद्री दृश्य / आर्थर रैम्बो / मदन पाल सिंह
Kavita Kosh से
ताम्बई और रजत नौकाएँ
फ़ौलादी श्वेत उनके वक्षस्थल
चीर रहे हैं फेन
उखाड़ रहे हैं शूल-कण्टकों की जड़ें
कच्छ मरुभूमि के प्रवाह और
भाटे की विशाल लीक
वलयकार बह रही है सुदूर-पूर्व की दिशा में
वन-कानन के स्तम्भों की ओर
पीपों के सेतुबन्ध की तरफ़
जिनके कोण आप्त हैं प्रकाश के भँवरों में।
मूल फ़्रांसीसी भाषा से अनुवाद : मदन पाल सिंह