सम्बंध / ओम व्यास
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जो अब अक्सर भोथरे होते हैं 
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कभी-कहीं समय के साथ, हरे होते हैं 
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आवश्यकतानुसार उपयोग में आने वाले मसाले हैं 
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जो कभी मखमल हुए और कभी भाले हैं 
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एक ही जगह गहरा-हल्का होता है, कई कई बार 
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यानि मतलब के मर्तबान में पड़ा अचार
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को लोगों ने खूँटी पर कैलेन्डर की तरह टांगा है। 
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कभी चांदी के पहियों पर चलने वाला तांगा है 
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व्यसन के रंगों का मेलजोल है
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आकार प्रकार में कुछ भी हो, स्वार्थ में गोल है। 
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के मीटर की लम्बाई काम की लम्बाई पर निर्भर होती है 
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की दीवार प्लीज / सॉरी / थैंक्यू पर टिकी होती है 
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बड़े लोगों से, असमाज में अलग शान है 
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गरीबो से होने पर कई बड़े परेशान है 
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कभी नीम है तो कभी, मुँह में मिश्री है 
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टूटने पर कई पुरानी इमारततें गिरी है
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पद के साथ जीते हैं  मरते है 
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मजबूरीयों से भी डरते हैंसम्बंध / 
कभी रोटी उपासना है
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के कारण हम न जाने कितने चेहरे लगाते हैं
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हम सबको कितनी बार दौड़ाते भगाते हैं। 
सदियों से सम्बन्धों पर दुनिया चलती सारी है।
 
	
	

