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सम्मोहन के बदले अब लाचारी है / सर्वत एम जमाल

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सम्मोहन के बदले अब लाचारी है
आँखों में जाने कैसी बीमारी है ।
अख़बारों में निविदा का विज्ञापन है
आबण्टन क्रम में थोड़ा परिवर्तन है।

भाषा की मनुहार किसी खलनायक से
क्या होता है स्वाति पूछो चातक से
मण्डी की परिभाषा जबसे बदल गई
व्यापारी भी दीख रहे हैं ग्राहक से
ठहरी हुई नदी के जल में कम्पन है
आबण्टन क्रम में थोड़ा परिवर्तन है !

दस्तूरी दावत के खेल निराले थे
अभिनंदन-स्वागत के खेल निराले थे
ऊँच-नीच सब नारायण की इच्छा पर
अनुमानित लागत के खेल निराले थे
आज सभी की परछाई में कम्पन है
आबण्टन क्रम में थोड़ा परिवर्तन है !!

तुमने सुना-सुनाया होगा बँटवारा
हमने तो छूकर देखा है अंगारा
अफ़वाहों की जकड़न में सारी दुनिया
अब किस-किस को राह दिखाए ध्रुवतारा
नव-युग में पाशार-काल का दर्शन है
आबण्टन क्रम में थोड़ा परिवर्तन है !!!