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सय्यदा अंदलीब ज़ुहरा / हुस्ने-नज़र / रतन पंडोरवी

लिसानुलहिन्द, अदीबे-रूहानियत व शायरे-इख़्लाकियत जनाब रतन पंडोरवी पंजाब के माहिरे-फ़न और संजीदा फ़िक्र शायर हैं। दरवेशाना ज़िन्दगी बसर करते हैं। उन की सादगी और दरवेशी का असर उन की शायरी पर भी है। अक्सर सूफ़ियाना मसाइल को पेशे-नज़र रक्खा है।