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सरड़ा - अपने मन में न्यूं सोच लिया हैं / प.रघुनाथ
Kavita Kosh से
दोहा-
बालक ले लिया गोद में करता कंस विचार।
कुछ भैना की बात का आया मन में प्यार।।
दौड़/राधेश्याम/वार्ता/सरड़ा/जकड़ी :-
अपने मन में न्यूं सोच लिया है, पहला लाल देवका का।
इसके मारे सै क्या फायदा, न्यूं आया ध्यान देवकी का।।
मेरी जान का दुश्मन तो, वो आठवां पुत्र बताया है।
इस बालक को ना मारूं, बस कंस के न्यूं समाया है।।
बोला बहन ले छोड़ दिया, तेरा पुत्र बीच दिल ज्यादा है।
जो आठवां पुत्र तेरे होगा, उसके मारण में फायदा है।।