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सरद हम्मर गाँव / रामकृष्ण
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गन्ह घोरल थिर नदी में
धो रहल हे पाँव-
सरद हम्मर गाँव।
कास फूटल तट खँघारल
अधभरल अहरा
पोस रहलक हे अनेरे
नेह के असरा।
आम, महुआ मन उरेहे
नीम तर के छाँव।
लाल टुह-टुह गगन, समगम
फेड़ के पत्ता,
चाननी के गोड़ में
जइसे लगल अलता।
झनझनाय्ल सधल सुर में
चिरगुनी गोडाँव।।
तपिस के न´् थरथरी के
गीत के मौसम
कीच के न´् जीत के
मन मीत के मौसम।
गुदगुदी सन् बाँच रहलइ,
नेह के ठहराँव।