सर्दियों में
होती हूँ कोई जानवर,
एक बिरवा
बसंत में,
गर्मियों में
पतंगा,
तो परिंदा
होती हूँ पतझड़ में.
हाँ औरत भी होती हूँ बाक़ी के वक़्त में ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : मनोज पटेल
सर्दियों में
होती हूँ कोई जानवर,
एक बिरवा
बसंत में,
गर्मियों में
पतंगा,
तो परिंदा
होती हूँ पतझड़ में.
हाँ औरत भी होती हूँ बाक़ी के वक़्त में ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : मनोज पटेल