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सर उठाने की कोई बात तो हो / कांतिमोहन 'सोज़'

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सर उठाने की कोई बात तो हो ।
तीर खाने की कोई बात तो हो ।।

ये सितम दिल पे करके देखेंगे
मुस्कुराने की कोई बात तो हो ।

बर्क़ कौंधेगी आसमानों में
आशियाने की कोई बात तो हो ।

दिल्लगी से हमें गुरेज़ नहीं
दिल लगाने की कोई बात तो हो ।

ज़िन्दगी हो कि मौत हो यारो
पास आने की कोई बात तो हो ।

दिल लगाने की रुत नहीं न सही
दिल दुखाने की कोई बात तो हो ।

क़त्ल अपना हो या कि दुश्मन का
अब ठिकाने की कोई बात तो हो ।।