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सलोने साँवरे आ जा तुझे ये दिल बुलाता है / साँझ सुरमयी / रंजना वर्मा

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सलोने साँवरे आ जा
तुझे ये दिल बुलाता है॥
हैं तेरे केश घुंघराले
चपल चितवन नयन काले
जिधर हो इक नज़र तेरी
उधर हों चाहने वाले।
कन्हैया हम फँसे मझधार
अब साहिल बुलाता है॥
जिसे संसार ठुकराये
वो तेरे दर पे आता है ,
अगर हर आस टूटे तो
यहीं पर सर झुकाता है।
नहीं हैं योग्य करुणा के
है नाक़ाबिल बुलाता है॥
चला आ प्राण से प्यारे
हमारी आँख के तारे।
जो तेरे चाहने वाले
तुझी पर प्राण तन वारे।
कठिन हो रास्ता फिर भी
पहुँच मंजिल बुलाता है॥
नहीं है साँवरे अब पास
माखन से भरी मटकी ,
तेरी सूरत निरखने को
जमाने में बहुत भटकी।
सिसकता प्राण का पंछी
तड़प तिल तिल बुलाता है॥