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सवालों की किताब / पाब्लो नेरूदा / प्रभाती नौटियाल

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( I )

बर्फ़बारी के इन्तज़ार में
बाग़ान को क्यों उजाड़ा गया ?

कैसे लगे पता कि
कलकत्ते के देवों में
भगवान कौन-सा है ?

क्यों जीते हैं रेशमी कीड़े
इतनी फटेहाल ज़िन्दगी ?

चेरी के दिल की मिठास
इतनी सख़्त क्यों होती है ?

क्या इसलिए
कि मरना है
या कि जीना जारी रखना है ?

(II)

जब सभी नदियाँ मीठी हैं
तो समुद्र कहाँ से लाता है नमक ?

ऋतुएँ कैसे जानती हैं
उन्हें अब बदलने हैं कपड़े ?

सर्दियों में इतनी सुस्त
और बाद में कैसे इतनी चुस्त ?

और जड़ों को कैसे होता पता
कि उन्हें रोशनी की ओर बढ़ना है ?

इतने सारे रंग-बिरंगे फूलों से
फिर हवा से दुआ-सलामी भी ?

क्या हमेशा एक जैसा होता है वसन्त
जो अपना किरदार निभाता है ?

मूल स्पानी भाषा से अनुवाद : प्रभाती नौटियाल