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सवेरा / बालकृष्ण काबरा ’एतेश’ / ओक्ताविओ पाज़

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हवा के हाथ और होंठ
जल का हृदय
            यूकेलिप्टस
शरण-स्थली बादलों की
जीवन जो प्रतिदिन होता पैदा
मृत्यु जो हर जीवन में होती

मैं मलता हूँ अपनी आँखें :
आकाश ज़मीन पर उतरता है

अँग्रेज़ी से अनुवाद : बालकृष्ण काबरा ’एतेश’