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सहम सफाई तारया करती भरी पड़ी सै मल की / मेहर सिंह

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जवाब चाप सिंह का

बेइमान डूब कै मरज्या कार करी बड़े छल की
सहम सफाई तारया करती भरी पड़ी सै मल की।टेक

तेरी बात मान कै चल्या गया तनै कुछ भी जाणी कोन्या
हम रजपूत म्हारी दहक बुरी तनै जगहां पिछाणी कोन्या
वैश्या बण कै रहया करेगी ईब रही छतराणी कोन्या
लोग जगत के निन्दा करते तेरी राणी स्याणी कोन्या
धोळा बाणा ले बांस हाथ में आस छोड़ दे कल की।

तेरे हाथ की ले कै इंगुठी चमका दिया नगीना
बाई जांघ पै तिल बताया मेरै सुण कै आया पसीना
मनै ज्यान की बाजी ला राखी थी तेरा शरद समझ कै सीना
तेरी करतूतां नै दिखा दिया आज मौत सजा का जीना
मेरे रस्ते कै महां लाग गई तूं पैड़ी बण कै सिल की।

सती बीर तै पति के बदले सिर दे दे भीड़ पड़ी में
गंगा जैसा धाम छोड़ तूं न्हा ली लेट सड़ी में
असली मोती ना सजता कदे नकली मेख जड़ी में
गळियारे का मोती था मनै पो लिया खास लड़ी में
शेरखान नै जिकर करया उड़ै सुणकै छाती दलकी।

आच्छी बीर थोड़ी दुनिया में घणी बेईमान फिरैं सैं
कीड़े पड़ कै मरया करैं जो पति तैं दगा करै सैं
बीर के मोह में आकै नै सब तरियां मर्द मरै सैं
कहै मेहरसिंह इन बीरां तैं घणे ईज्जत बन्द डरै सैं
ब्याह करवा कै के सुख देख्या या फांसी बणगी गळ की।