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सहर पर्दाज़ हैं पिया के नयन / वली दक्कनी
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सहर पर्दाज़ हैं पिया के नयन
होश दुश्मन हैं ख़ुश अदा के नयन
ऐ दिल उसके अगे सँभाल के जा
तेग़ बरकफ़ हैं मीरज़ा के नयन
दिल हुआ आज मुझ सूँ बेगाना
देख उस रम्ज़ आशना के नयन
जग में अपना नज़ीर रखते नहीं
दिलबरी में वो दिलरुबा के नयन
नरगिस्ताँ को देखने मत जा
देख उस नरगिसी क़बा के नयन
वो है गुलज़ार-ए-आबरू का गुल
हक़ ने जिसको दिए हया के नयन
ऐ 'वली' किस अगे करूँ फ़रियाद
ज़ुल्म करते हैं बेवफ़ा के नयन