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सही संदेश ही अक्सर हमारे काम आते हैं / बाबा बैद्यनाथ झा

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सही संदेश ही अक्सर हमारे काम आते हैं
नहीं क्यों आजकल अच्छे कभी पैग़ाम आते हैं

हमारे साथ जब तक थे बहुत इज़्ज़त मिली तुमको
हमें तारीफ़ के बदले महज इल्ज़ाम आते हैं

बढ़ाते हौसला जो भी नहीं पहचान हो पाती
मिले ख़त आजतक जितने सभी गुमनाम आते हैं

निभाने दोस्ती आते मगर वे लूटने लगते
हमेशा ठग रहे जो भी बने गुलफ़ाम आते हैं

करे वह चापलूसी अब यक़ीं करना नहीं कोई
करें हम काम जो अच्छे उसी के नाम आते हैं

मुसीबत जब कभी आती ख़ुदा ही साथ दे 'बाबा'
कभी अल्ला कभी ईसा कभी श्री राम आते हैं