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सही समय / संतोष अलेक्स
Kavita Kosh से
मनुष्य मनुष्य
मनुष्य व कविता
मनुष्य व आलोचकों के बीच के फर्क
को समझा तो
उन लोगों ने मुझ पर वार किया
ऊँचा व नाटा
गोरा व साँवला
खामोशी व आवाज के बीच के फर्क
को समझा तो
उन लोगों ने मुझ पर फिर वार किया
वार करने का सही समय
फर्क जानने पर होता है।