सहेली की विदा / हरिवंश राय बच्चन / विलियम बटलर येट्स
सुन्दर मुझको मिली सहेली
वासन्ती भ्रू और अचंचल हाथों वाली,
भूरे-भूरे बालों वाली,
मैंने की कल्पना अन्ततोगत्वा मेरी
पूर्व निराशा सफ्ल प्रेम में परिणत होगी ।
एक दिवस उसने मेरे अन्तर में झाँका,
देखा वहाँ तुम्हारी प्रतिमा प्रस्थापित है,
और सहेली मेरी मुझसे विदा हो गई
रोती-रोती ।
मूल अँग्रेज़ी से हरिवंश राय बच्चन द्वारा अनूदित
लीजिए अब पढ़िए यही कविता मूल अँग्रेज़ी में
William Butler Yeats
The Lover Mourns For The Loss Of Love
PALE brows, still hands and dim hair,
I had a beautiful friend
And dreamed that the old despair
Would end in love in the end:
She looked in my heart one day
And saw your image was there;
She has gone weeping away.