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सांसू त् भ्वोर / धनेश कोठारी
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बिसगणि बिसैकि सै
उकळी जैलि उकाळ
एक न एक दिन
सांसू त् भ्वोर
जाग मा च मयेड़
बैठीं देळी मा अब्बि तलक
बर्सूं बाद- सै
पछणे जैलि धार मा ई
सांसू त् भ्वोर
धारा मंगरा पगळी जाला
डांडा कांठा मौळी जाला
बौडी जाला भाग-
फेर, देर-सबेर
सांसू त् भ्वोर।