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साइबेरिया / स्वप्निल श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
जो सच बोलते है उन्हे साइबेरिया भेज
देना चाहिए
ज्यादा सच बोलने वालों के लिए सलीब
सबसे अच्छी जगह है
ठण्ड से काँपते हुए शब्द उष्मा के
लिये परेशान हैं
उष्मा कहाँ मिलेगी पर्वत प्रान्तर बर्फ़ से
ढँके हुए हैं
साइबेरिया के सारस भरतपुर पक्षी-विहार में
प्रवास कर रहे हैं
वे कैमरों में अपने किलोल के साथ
क़ैद हो रहे हैं
वृक्षों पर उन्होंने बनाए है नए घोंसले
उनमें से दिख रहे है उनके लाल-लाल चोंच
वे उड़ने की तैयारी में हैं
बर्फ़ के दिनों में साइबेरिया में पक्षी
नहीं रहते तब कौन रहता है
साइबेरिया में