साइमन कमीशन गो बैक / रणवीर सिंह दहिया
साइमन कमीशन भारत में आता है। उसका विरोध पूरे भारत में होता है। पंजाब में भी विरोध किया जाता है। अंग्रेजों की पुलिस अत्याचार करती है। लाला लाजपतराय पर लाठियां बरसाई जाती हैं। वे शहीद हो गये। बदला लेने को क्रान्तिकारियों ने साइमन को मारने का प्रण किया। साण्डरस मारा जाता है। चानन सिपाही क्रान्तिकारियों के पीछे भागता है भगतसिंह और राजगुरु के पीछे। आजाद गोली चलाता है चानन सिंह को गोली ठीक निशाने पर लगती है। आजाद को बहुत दुख होता है चानन सिंह की मौत का। क्या बताया भला:
तर्ज: चौकलिया
साइमन कमीशन गो बैक नारा गूंज्या आकाश मैं॥
साण्डर्स कै गोली मारकै पहोंचा दिया इतिहास मैं॥
राजगुरु की पहली गोली साण्डर्स मैं समा गई थी
भगतसिंह की पिस्तौल निशाना उनै बना गई थी
चानन सिंह सिपाही कै लाग इनकी हवा गई थी
पाछै भाज लिया चानन बन्दूक उसनै तना दई थी
दोनूआं के बीच कै लाया अचूक निशाना खास मैं॥
थोड़ी सी चूक निशाने की घणा पवाड़ा धर जाती
भगतसिंह कै राजगुरु का सीना छलनी कर जाती
आजाद जीवन्ता मरता क्रान्तिकारी भावना मर जाती
आजादी के परवान्यां के दुर्घटना पंख कतर जाती
आजाद गरक हो ज्याता आत्मग्लानि के अहसास मैं॥
चानन सिंह के मारे जाने का अफसोस हुया भारी था
आजाद नै जीवन प्यारा था वो असल क्रान्तिकारी था
खून के प्यासे आतंकवादी प्रचार यो सरकारी था
सूट एट साइट का उड़ै फरमान हुया जारी था
विचलित कदे हुया कोन्या भरया हुआ विश्वास मैं॥
कठिन काम तै घबराया ना चन्द्रशेखर की तासीर थी
आजाद भारत की उसकै साहमी रहवै तसबीर थी
इसकी खातर दिमाग मैं कई ढाल की तदबीर थी
आजाद नै चौबीस घन्टे दीखैं गुलामी की जंजीर थी
रणबीर आजाद कैहरया फायदा म्हारे इकलास मैं॥