साई श्रध्दा दे सबूरी दे / अशेष श्रीवास्तव
साई श्रध्दा दे सबूरी दे
संतोष दे बाबा प्रेम दे...
हम हैं बाबा जगत में भटके
मोह माया बंधन में अटके
हम को बाबा राह दिखाओ
मंज़िल तक हमको पहुँचाओ
दीन दयाल प्रभो दया कर श्रध्दा दे
सबूरी दे संतोष दे बाबा प्रेम दे...
कब से बाबा तुम्हें हम बुलाते
अपनी व्यथा तुम्हें हम सुनाते
तुम ना सुनोगे कौन सुनेगा
भक्तों के दुख कौन हरेगा
सर्वसमर्थ हे साई दया कर श्रध्दा दे
सबूरी दे संतोष दे बाबा प्रेम दे...
हम हैं बाबा तेरे ही बालक
तुम हो हम बच्चों के पालक
जो भी बाबा तुमको ध्याता
बिन माँगे सब कुछ पा जाता
अंतरयामी हे साई दया कर श्रध्दा दे
सबूरी दे संतोष दे बाबा प्रेम दे...
साई श्रध्दा दे सबूरी दे
संतोष दे बाबा प्रेम दे...
साई शक्ति दे दृढ़ता दे
विश्वास दे बाबा प्रेम दे...
साई भक्ति दे सरलता दे
निर्मल कर बाबा प्रेम दे...
निराभिमानिता दे करूणा दे
वैराग्य दे बाबा प्रेम दे...