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सागर का खारापन / कुलदीप सिंह भाटी
Kavita Kosh से
सागर का खारापन
और
नदियों का मीठापन
यही तो बताता है कि
दुनिया में
सबसे ज्यादा दुखड़ा रोया गया है
समन्दर के किनारे
और
सबसे ज्यादा प्रेम बरसा है
नदियों के तीर पर।