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सागी भाई / कन्हैया लाल सेठिया

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जीवण’र मरण दोन्यूं
जामण जाया सागी भाई
पण कोनी करै कदेई
आपस में हताई,

जीवण नै लागै भख
बो करै मिणत मजूरी
जणां बापरै दाणा
मांय बैठो निकमो मरण
गिण बीं री सांसां,

कोनी जाणै जीवण
कणां मोस देसी
चाणचक मिणियों
भाईड़ो मरण !