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साजिश वा शाप / एस. मनोज

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हम मिथिलावासी शापित छी
दहारक विपदा सँ
वा कोनो साजिशक शिकार होइत छी
साले साल
विज्ञान बड़ विकास क' चुकल अछि
मनुख चान आ अंतरिक्षक नापि
रहल अछि डेग सँ
उपग्रह सँ अनेकानेक सूचना
प्राप्त होइछ प्रतिपल
ड्रोन कैमरा सँ निगरानी भ' जाइत अछि
धरती सँ आकाश घरि।
फेर कियैक बांधक सुरक्षा
अछि अनियंत्रित।
हमर विपदा थिक कोनो
प्राकृतिक विपदा
वा योजनाकार कोनो एहन योजना
जे हमरा लेल शाप थिक
आ हुनका लेल वरदान।