भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सात कविताएं-3 / लोग ही चुनेंगे रंग

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


चाँद से अनगिनत इच्छाएँ साझी करता हूँ
चाँद ने मेरी बातें बहुत पहले सुन ली हैं
फिर भी कहता हूँ
और चाँद का हाथ
अपने बालों में अनुभव करता हूँ

चाँद ने कागज़ कलम बढ़ाते हुए
कविताएँ लिखने को कहा है

साइरन बज रहा है.