चाँद से अनगिनत इच्छाएँ साझी करता हूँ
चाँद ने मेरी बातें बहुत पहले सुन ली हैं
फिर भी कहता हूँ
और चाँद का हाथ
अपने बालों में अनुभव करता हूँ
चाँद ने कागज़ कलम बढ़ाते हुए
कविताएँ लिखने को कहा है
साइरन बज रहा है.
चाँद से अनगिनत इच्छाएँ साझी करता हूँ
चाँद ने मेरी बातें बहुत पहले सुन ली हैं
फिर भी कहता हूँ
और चाँद का हाथ
अपने बालों में अनुभव करता हूँ
चाँद ने कागज़ कलम बढ़ाते हुए
कविताएँ लिखने को कहा है
साइरन बज रहा है.