भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

साथियो! वक्तव्य को निर्भीक होना चाहिए / द्विजेन्द्र 'द्विज'

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

साथियो! वक्तव्य को निर्भीक होना चाहिए

आपका हर शब्द इक तहरीक होना चाहिए


चाहते हैं वो निरंतर साज़िशें पलती रहें

इसलिए माहौल को तारीक होना चाहिए


खेत जो अब तक हमारे ख़ून से सींचे गए

दोस्त, बँटवारा उपज का ठीक होना चाहिए


लिखने वाला जिसको पढ़ने में स्वयं लाचार है

क्या क़लम को इस क़दर बारीक होना चाहिए


शब्द मर्ज़ी से चुनें , ये आपका अधिकार है

शब्द अर्थों के मगर नज़दीक होना चाहिए