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साथी, गीली हैं लकड़ियाँ / एरलिण्डो बारबेइटोस
Kavita Kosh से
साथी !
गीली हैं लकड़ियाँ
ख़त्म हो चुकी हैं
माचिस की तीलियाँ
और ठण्डी हो रही हैं
मकई की रोटियाँ
आओ
डरो नहीं बारिश से
हवा में सिर्फ़
निरुद्देश्य उड़ती चिड़ियाँ हैं ।