साथ उनका जो मिल गया होता
चाक दामन का सिल गया होता
हमने ढूंढा है हर गली उस को
काश हमको वो मिल गया होता
दर-बदर हम न यूँ हुए होते
साथ उनका जो मिल गया होता
सुन के आहट तुम्हारे कदमों की
ढूंढने तुमको दिल गया होता।
साथ उनका जो मिल गया होता
चाक दामन का सिल गया होता
हमने ढूंढा है हर गली उस को
काश हमको वो मिल गया होता
दर-बदर हम न यूँ हुए होते
साथ उनका जो मिल गया होता
सुन के आहट तुम्हारे कदमों की
ढूंढने तुमको दिल गया होता।