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साथ तुमने दिया, दिया न दिया / बलबीर सिंह 'रंग'
Kavita Kosh से
साथ तुमने दिया, दिया न दिया।
यह अनुग्रह किया, किया, न किया।
हम भी सुक़रात के सहोदर थे,
विष का प्याला पिया, पिया, न पिया।
निर्वसन और को नहीं रक्खा,
अपना दामन सिया, सिया, न सिया।
प्राक्थन, जैसा लोग लिखते हैं,
वैसा जीवन जिया, जिया, न जिया।
‘रंग’ ने क्या नहीं दिया, लेकिन,
अंजुमन ने लिया, लिया, न लिया।