भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
साधु कृपा / शब्द प्रकाश / धरनीदास
Kavita Kosh से
हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।
मोह भया विषया जल बूडत, साधु भले गहि बाँह बचाया।
दीन सरूप अनूप बनाय के, लाय के पारस भेद बताया॥
छूटि गई मनकी दुविधा, धरनी निर्भव अनुभव पद गाया।
पाँच भये वश साँच सुनो, सब साधु भये सब साधुकि दया॥23॥