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साधु बाबा हो बिषय बिलरवा, दहिया खैलकै मोर / कबीर

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साधु बाबा हो बिषय बिलरवा, दहिया खैलकै मोर॥टेक॥
की लेके औटबै की लेके पौड़बै, की लेके महबै घोर।
की लेके जैबै गुरु नगरिया, की लेके करबै इँजो॥
पाँच लेके औटबै पचीस लेके पौड़बै, तीन लेके महबै घोर।
शब्द लेके जैबै गुरु नगरिया, सुरति से करबै इँजोर॥
एक ते बिलरवा देखै में करिया, दूसर घइहर चोर।
तेसर बिलरवा बन-बन भागे, भागे लम्बा पिरोर॥
कहै कबीर सुनो भाई साधो, बिलरा जालिम जोर।
जो बिलरा को लखै लखाबै, पहुँचे गुरु की ओर॥