आई हो
शाम को
चली जाओगी
कुछ क्षण बाद
उसका यह
बैठे रहना शान्त होकर
मानो है प्रकाश का फैलना
जिस प्रकाश से
भर गया है कमरा
मूल बाँगला भाषा से अनुवाद : रामशंकर द्विवेदी
आई हो
शाम को
चली जाओगी
कुछ क्षण बाद
उसका यह
बैठे रहना शान्त होकर
मानो है प्रकाश का फैलना
जिस प्रकाश से
भर गया है कमरा
मूल बाँगला भाषा से अनुवाद : रामशंकर द्विवेदी