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साफड़ी / अमरेन्द्र

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पकलोॅ साफड़ी सेबे रङ
खाय मेॅ मिट्ठोॅ मेवे रङ
पाँच टका मेॅ कीलो भर
डम्हक-डम्हक, कचर-कचर ।
मोती रहेॅ जों घैला मेॅ
आकि पोस्ता पैला मेॅ
छिनमान बिच्चो होने रङ
तारा भरलोॅ दोने रङ ।
गुलगुल साफड़ी गद्दी रङ
कोय पाकी कोलपद्दी रङ
भर-भर खोचोॅ लेलेॅ जो
पेट चलौ नै, खैलेॅ जो ।