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साबुन / सूर्यकुमार पांडेय

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कपड़ों को है प्यारा साबुन,
रंग- बिरंगा न्यारा साबुन ।

फर- फर फुर-फुर उड़ा हवा में,
पानी का गुब्बारा साबुन ।

सदा मैल से कुश्ती लड़ता,
कभी न उससे हारा साबुन ।

पानी के संग झाग बनाता,
गल जाता बेचारा साबुन ।